रायपुर। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश महामंत्री संजय श्रीवास्तव ने कहा है कि कांग्रेस के नेता विधानसभा के बाद लोकसभा चुनाव में हुई करारी हार पर आत्मचिंतन करने और अपने आंगन के गड्ढों की मरम्मत करने के बजाय आज भी दूसरों के आंगन में ताकझाँक करने करने की आदत से बाज नहीं आ रहे हैं। रायपुर दक्षिण विस क्षेत्र में होने वाले उपचुनाव को लेकर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज के ताजा बयान पर कटाक्ष करते हुए श्रीवास्तव ने कहा कि ताकझाँक करने के इसी राजनीतिक मनोरोग ने छत्तीसगढ़ में कांग्रेस को रसातल में पहुँचा दिया है।
भाजपा प्रदेश महामंत्री संजय श्रीवास्तव ने कहा कि कांग्रेस के लोग बिना झूठ बोले और लोगों को बिना भ्रमित किए राजनीति करना ही नहीं जानते। लेकिन प्रदेश की जनता-जनार्दन अब कांग्रेस के राजनीतिक झूठ और झाँसों में कतई नहीं आ रही है। श्रीवास्तव ने कहा कि राजनीतिक तोड़फोड़ जिस कांग्रेस का कलंकित इतिहास रहा है, उस कांग्रेस को अब यह सहन नहीं हो रहा है कांग्रेस में दिन-रात राजनीतिक धमाचौकड़ी और घमासान देखते रहने के आदी हो चले कांग्रेस के नेता भाजपा के अनुशासन और पार्टी नेतृत्व के राजनीतिक निर्णयों को विनम्रता से स्वीकार करने के भाजपा की राजनीतिक विशिष्टता से हैरान हैं।
भाजपा प्रदेश महामंत्री संजय श्रीवास्तव ने कहा कि कांग्रेस के नेता पहले भी भाजपा के आंगन में ताकझाँक करके अनर्गल प्रलाप करते रहे हैं और अब प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष बैज अपनी और कांग्रेस की राजनीतिक दशा सुधारने में ऊर्जा खपाने के बजाय बेसुरे प्रलाप के प्रतीक बन रहे हैं। प्रदेश में कांग्रेस के लोग अब मंथरा बनने की कोशिश में लगे हैं और अपने इस राजनीतिक सच का सामना करने से मुँह छिपा रहे हैं कि प्रदेश की जनता ने पहले विधानसभा और हाल ही लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को पूरी तरह ठुकरा दिया है। दरअसल कांग्रेस के लोगों के पास और कोई विषय रह नहीं गया है, इसलिए वे इस तरह की फिजूल कल्पनाएँ गढ़कर अपनी खीझ मिटा रहे हैं। प्रदेश में कांग्रेस के लोग अब इसी लायक बचे हैं।
भाजपा प्रदेश महामंत्री संजय श्रीवास्तव ने कहा कि अपने पदाधिकारियों, जनप्रतिनिधियों को दूध से मक्खी की तरह निकाल फेंकना कांग्रेस की राजनीतिक विकृति होगी, भाजपा की नहीं। दीपक बैज अपनी कांग्रेस की राजनीतिक दरिद्रता जैसी बीमारी भाजपा में ढूँढ़ने में क्यों वक्त जाया कर रहे हैं, यह समझ से परे है। श्रीवास्तव ने कहा कि लोकसभा चुनाव में छत्तीसगढ़ को मिली करारी हार के बाद कांग्रेस के नेता हार की समीक्षा की मांग कर रहे हैं। चुनाव में प्रत्याशी चयन से लेकर अन्य मामलों में पहले भी नाराजगी सामने आई थी। बैज पहले कांग्रेस के अंतर्संघर्ष को दूर कर लें, क्योंकि प्रदेश कांग्रेस कमेटी में फेरबदल की सुगबुगाहाट का शोर सुनाई दे रहा है, कहीं बैज खुद दूध से निकाल फेंकी गई मक्खी न बन जाएँ।