Supreme Court: प्रधान न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने इस संबंध में पर्यावरण, वन व जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, स्वास्थ्य व परिवार कल्याण मंत्रालय, कृषि मंत्रालय और एफएसएसएआई को नोटिस जारी किया।
शीर्ष अदालत पर्यावरणविद् और वकील आकाश वशिष्ठ द्वारा दायर एक याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें कहा गया था कि कीटनाशक युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन देश भर में कैंसर और अन्य घातक बीमारियों का प्राथमिक कारण बन गया है।
याचिका में कहा गया है कि खाद्य फसलों और खाद्य पदार्थों पर कीटनाशकों और अन्य रासायनिक कीटनाशकों के उपयोग/अति उपयोग, कृत्रिम रंग, दालों, खाद्यान्न और अन्य वस्तुओं की कोटिंग और वैक्सिंग के कारण देश भर में बड़ी संख्या में मौतें हो रही हैं।
याचिका में कहा गया है कि कीटनाशक युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन देश भर में कैंसर और अन्य घातक बीमारियों का प्राथमिक और प्रमुख कारण बन गया है। याचिकाकर्ता की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता अनीता शेनॉय ने शीर्ष अदालत से कहा कि याचिकाकर्ता ने देशभर से आंकड़े एकत्र किए हैं जो कीटनाशकों के कारण होने वाली मौतों की बहुत बड़ी संख्या दिखाते हैं।
उन्होंने कहा, “कीटनाशकों पर अंकुश लगाने और उन्हें नियंत्रित करने तथा खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने में एफएसएसएआई पूरी तरह विफल रहा है।” शेनॉय ने शीर्ष अदालत को बताया, “कीटनाशकों और कैंसर के बीच सीधा वैज्ञानिक और चिकित्सकीय संबंध है और ऐसे मामले देश भर में बढ़ रहे हैं।”