‘मनी लॉन्ड्रिंग केस में आरोपी को अरेस्ट नहीं कर सकती ED, विशेष अदालत से लेना होगी अनुमती’ – सुप्रीम कोर्ट

‘ED cannot arrest the accused in money laundering case, permission will have to be taken from the special court’ – Supreme Court

नई दिल्ली: ईडी को आज दो मामलों में सुप्रीम कोर्ट से परेशानियों का सामना करना पड़ा। एक ओर जहां सुप्रीम कोर्ट ने अहम टिप्पणी में विशेष अदालत ने शिकायत पर स्वतः संज्ञान ले लिया है तो इडी उसे बिना कोर्ट की अनुमति से हिरासत में नहीं ले सकती। वहीं दूसरी ओर अरविंद केजरीवाल के बयान पर इडी की याचिका को खारिज कर दिया।

सुप्रीम कोर्ट ने एक अहम टिप्पणी करते हुए कहा है कि पीएमएलए कानून के प्रावधानों के तहत अगर विशेष अदालत ने शिकायत पर स्वतः संज्ञान ले लिया है तो फिर ईडी आरोपी को गिरफ्तार नहीं कर सकती। कोर्ट ने कहा कि ईडी को अगर आरोपी को हिरासत में लेना है तो उसे पहले संबंधित कोर्ट में आवेदन देना होगा और आवेदन से संतुष्ट होने के बाद ही कोर्ट, ईडी को आरोपी की हिरासत देगी।

जस्टिस अभय एस ओका और जस्टिस उज्जल भुइयां की पीठ ने कहा कि अगर आरोपी किसी समन के अनुपालन के लिए विशेष अदालत में पेश हुआ है तो यह नहीं माना जा सकता कि वह हिरासत में है। सुप्रीम कोर्ट पीठ ने कहा कि जो आरोपी समन के बाद अदालत में पेश हुआ है तो उसे जमानत के लिए आवेदन करने की जरूरत नहीं है और उस पर पीएमएलए कानून की धारा 45 की जुड़वा शर्त भी लागू नहीं होती है।

जुड़वा शर्तों के अनुसार, मनी लॉन्ड्रिंग मामले में अगर कोई आरोपी जमानत के लिए कोर्ट में आवेदन करता है तो अदालत पहले सरकारी वकील को सुनेगी और जब वह संतुष्ट हो जाएगी कि आरोपी दोषी नहीं है और वह रिहा होने के बाद फिर से वैसा ही अपराध नहीं करेगा, तभी कोर्ट आरोपी को जमानत दे सकती है। सुप्रीम कोर्ट ने इस सवाल पर यह फैसला सुनाया कि क्या मनी लॉन्ड्रिंग मामले में किसी आरोपी को जमानत के लिए कड़ी जुड़वा शर्तों को पूरा करना जरूरी है अगर उस मामले में विशेष अदालत ने स्वतः संज्ञान लिया हो।

Related Post