नारायणपुर. छत्तीसगढ़ के नारायणपुर-कांकेर जिले की सीमा पर मंगलवार को नक्सलियों के साथ हुई मुठभेड़ के दौरान स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) का एक जवान जंगली भालू के हमले में घायल हो गया. पुलिस अधिकारियों ने बुधवार को यह जानकारी दी. पुलिस अधिकारियों ने बताया कि अभियान के दौरान सुरक्षाबलों पर जंगली भालुओं ने हमला कर दिया था. इस हमले में आरक्षक मंगल मंडावी के पैर में चोट पहुंची है.
उन्होंने बताया कि जवान को बुधवार की सुबह हेलीकॉप्टर से नारायणपुर लाया गया तथा जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया. उनकी हालत सामान्य है. मंगलवार को नक्सलियों के गढ़ अबूझमाड़ इलाके के टेकमेटा और काकूर गांवों के बीच जंगल में राज्य पुलिस की दोनों इकाइयों, एसटीएफ और जिला रिजर्व गार्ड के संयुक्त दल के साथ हुई मुठभेड़ में तीन महिलाओं सहित 10 नक्सली मारे गए.
‘भाषा’ से बातचीत में मंडावी ने बताया कि गोलीबारी के दौरान वह और उनके सहयोगी बांस से घिरे जंगल में अभियान में थे, तभी अचानक पीछे से तीन भालू वहां आ पहुंचे. मंडावी ने बताया कि जंगली जानवरों की मौजूदगी को भांपते हुए उनके साथी वहां से भाग निकले. जब मंडावी ने बांस के पीछे छिपने की कोशिश की तब भालू ने उसका पैर पकड़ लिया.
बाद में मंडावी ने भालू पर डंडे से वार किया तब भालू वहां से भाग गया. तब तक मंडावी घायल हो गया था. मंडावी के पैर में चोट आने के बाद भी वह नक्सलियों की गोलीबारी का जवाब देता रहा. अधिकारियों ने बताया कि घटना के बाद मंडावी को टेकमेटा ले जाया गया जहां उसका प्रारंभिक उपचार किया गया और आज सुबह उसे हवाई मार्ग से नारायणपुर ले जाया गया.
पुलिस अधिकारियों ने कहा, ”सुरक्षार्किमयों को जंगल में गश्त के दौरान अतिरिक्त सावधानी बरतने के लिए कहा गया है, क्योंकि वह सिर्फ नक्सलियों से नहीं लड़ते, बल्कि उन्हें जंगली जानवरों से भी खतरा होता है” उन्होंने बताया कि मुठभेड़ में मारे गए 10 नक्सलियों में से दो की पहचान जोगन्ना और विनय उर्फ अशोक के रूप में की गई है, जो माओवादियों की डिवीजनल कमेटी के सदस्य थे. राज्य में 15 दिनों के भीतर नक्सलियों के लिए यह दूसरा बड़ा झटका है. इससे पहले 16 अप्रैल को कांकेर जिले के कल्पर गांव के करीब सुरक्षाबलों ने मुठभेड़ में 29 नक्सलियों को मार गिराया था.